जनहितमे जारी थारु साहित्य सन्देश ।थारु पाेर्टल

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३०।असाेज।
आखिर थारुसव काम करछै अनढेट,
युवा एकता हावी के बिकास के बाट खोज,
मानुस हावी के जन्म लेलै नै हो धर्ती के बोझ,!
  • थारु हावी के दारु ख्याके कथन्या कर्वै मोज,
  • लागू पदार्थ खेवै जन्त झल्दिए हेतो तोर भोज,!!
  • मानव हाविके विवेकशील बन राख असल सोच,
  • गाउँ समाज के बिकृती सवकोइ से मिलिके नोच,!
छुमाछोट लत्ताकपडा पिनिके नै दहय बेसि पोज,
नैत देखिया इज्जत मे लागि जेतु एक दिन खोच,!!
रितरिवाज कला संस्कृति सवकोइ मिलिके जोग,
गाउँ समाजमे बढी गेलछो कुरित बिकृती के रोग,!
बालविवाह दहेज प्रथा सवकोइ से मिलिके रोक,
दहेज के नाममे कुटुम बला सवके घेच नहि मोक,!!
हमे कहियो नहि कर्छिन अपसोच,
करि रहल छेहेन युवासवके खोज,!
थारुखवास समाजके बिकास हमर सोच,
वेह्या से कर्छिन विवेकशील युवा के खोज,!!
                                                            थारु युवा साहित्यकार सुरेश चौधरी मोरङ ग्रामथान खुनियाकटा,
                                                           विवेकशील थारु युवा समूह सुनसरी मोरङ संस्थाके जन्मदाता,

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